दूर जा के बस गए हो तुम ! अपनों को भूल गए हो तुम !! दूर जा के बस गए हो तुम ! अपनों को भूल गए हो तुम !!
बूढी होने पर आप कैसा दिखना चाहेंगे...? अपनी माॅं की तरह ही...? बूढी होने पर आप कैसा दिखना चाहेंगे...? अपनी माॅं की तरह ही...?
रहने लगी कुटिया बनाकर पेट भरती जैसे-तैसे कमाकर! रहने लगी कुटिया बनाकर पेट भरती जैसे-तैसे कमाकर!
हर गली हर शहर, हर ज़ुबां हर पहर, नाम है तेरा मेरी माँ, तू है मेरी दिल रुबा। हर गली हर शहर, हर ज़ुबां हर पहर, नाम है तेरा मेरी माँ, तू है मेरी दिल रुबा।
मां के लिए जितना लिखो उतना कम है मां से अनमोल रिश्ता कोई नहीं बच्चे की पहली गुरु मां ही होती है। मां के लिए जितना लिखो उतना कम है मां से अनमोल रिश्ता कोई नहीं बच्चे की पहली गुरु...